WHAT IS WAQF Bill :-2025: आखिर क्या है वक्फ बोर्ड कानून? जिसको लेकर मचा है इतना बवाल

वक़्फ़ बोर्ड

वक़्फ़ बोर्ड क्या है



वक़्फ़ उस जायदाद को कहते हैं जो इस्लाम को मानने वाले दान करते हैं यह चल अचल दोनों तरह की हो सकती हैं यह दौलत वक़्फ़ बोर्ड के तहत आती है और इसकी देखरेख हिसाब का पूरा काम वक़्फ़ बोर्ड करता है

वक़्फ़ बोर्ड का मतलब

अरबी भाषा के वक्फा शब्द से बना है जिसका अर्थ होता है ठहरना वफ का मतलब है ट्रस्ट जायदाद को जन कल्याण के लिए समर्पित करना कौन दे सकता है डोनेशन या कौन दे सकता है जमीन कोई भी वयस्क मुस्लिम व्यक्ति अपने नाम की प्रॉपर्टी वक़्फ़ के नाम कर सकता है वक़्फ़ एक स्विच करवाई है जिसके लिए कोई जबरदस्ती नहीं की जाती इस्लाम धर्म के मानने वाले और इस्लाम धर्म में दान धर्म के लिए एक और टर्म प्रचलित है

जिसे कहा जाता है जकात

यह है हेसियतमंद मुसलमानो के लिए अनिवार्य है आप पूरी आम दनी जो साल भर में कमाते हैं और उसकी उसे पर आपकी जो बचत होती है उसका ढाई प्रतिशत हिस्सा किसी भी जरूरतमंद को दे देते हैं जिसे कहा जाता है जकात

वक़्फ़ बोर्ड कैसे काम करता है

  • वक़्फ़ के पास काफी संपत्ति है जिसका रखरखाव ठीक-ठाक से हो देखभाल ठीक से हो इसके लिए स्थानीय से लेकर बड़े स्तर पर कई सारी बॉडी है जिन्हें वक़्फ़ बोर्ड कहा जाता है
  • तकरीबन और राज्य में सिया और सुन्नी को वक़्फ़ बोर्ड है अलग-अलग इनका काम उन संपत्तियों के देखरेख देखभाल करना है और उनकी आय का सही इस्तेमाल करना है
  • संपत्ति से गरीब और जरूरतमंदों की मदद करना मस्जिद या अन्य धार्मिक संस्थाओं को बनाना है
  • शिक्षा की व्यवस्था करना है अन्य धर्म के कार्यों के लिए पैसे देने संबंधी चीज वक़्फ़ में शामिल है केंद्र ने वक़्फ़ बोर्ड के साथ-साथ काउंसिल बनाया हुआ है
  • मिनिस्ट्री ऑफ़ माइनॉरिटी अफेयर्स की तहत आने वाली सेंट्रल बॉक्स काउंसिल की वेबसाइट पर बताया गया है कि हमारे देश में फिलहाल कुल 32 वक़्फ़ बोर्ड काम कर रहे हैं
क्या है वक़्फ़ कानून
वर्ष 1954 में नेहरू सरकार के समय वक़्फ़ अधिनियम पारित किया गया जिसके बाद इसका सेंट्रलाइजेशन हुआ वर्क फॉर ट्रस्ट 1954 वक़्फ़ के संपत्ति के रखरखाव का काम करता है और इसके बाद से इसमें कई बार संशोधन होता रहा है
क्या है वक़्फ़ कानून
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हमारे देश में वक्त मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया के अनुसार हमारे देश में करीब 855000 से अधिक संपत्ति ऐसी है जो वक़्फ़ बोर्ड की है सेना और रेलवे के बाद देश में संपत्ति के मामले में वक़्फ़ बोर्ड तीसरा सबसे बड़ा भूमि मालिक है

conclusion

तो कुल मिलाकर, वक़्फ़ बोर्ड एक ऐसा प्रबंधन निकाय है जो इस्लामिक समाज के कल्याण के लिए दान की गई संपत्तियों की देखरेख करता है। इसके तहत जायदाद का प्रबंधन, गरीबों की मदद, मस्जिदों और धार्मिक संस्थाओं का निर्माण, और शिक्षा जैसी कई अहम सेवाएं आती हैं। यह संपत्ति न केवल समाज के जरूरतमंदों की सहायता में सहायक होती है, बल्कि इसका उपयोग एक बेहतर समाज के निर्माण में भी होता है। सेना और रेलवे के बाद, देश में इतनी बड़ी संपत्ति का मालिकाना हक वक़्फ़ बोर्ड के पास होना इसके महत्व को दर्शाता है। ऐसे में, वक़्फ़ बोर्ड की यह भूमिका न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

FaqS

तो कुल मिलाकर, वक़्फ़ बोर्ड एक ऐसा प्रबंधन निकाय है जो इस्लामिक समाज के कल्याण के लिए दान की गई संपत्तियों की देखरेख करता है। इसके तहत जायदाद का प्रबंधन, गरीबों की मदद, मस्जिदों और धार्मिक संस्थाओं का निर्माण, और शिक्षा जैसी कई अहम सेवाएं आती हैं। यह संपत्ति न केवल समाज के जरूरतमंदों की सहायता में सहायक होती है, बल्कि इसका उपयोग एक बेहतर समाज के निर्माण में भी होता है। सेना और रेलवे के बाद, देश में इतनी बड़ी संपत्ति का मालिकाना हक वक़्फ़ बोर्ड के पास होना इसके महत्व को दर्शाता है। ऐसे में, वक़्फ़ बोर्ड की यह भूमिका न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

खांसी के घरेलू उपाय : खांस-खांस कर है बुरा हाल, तो अपनाएं is gharelu upay ko

खांसी और सर्दी का instant घरेलू उपाए-आयुर्वेदिक काढ़ा

Khansi aur Kaf ke Liye Asardar Gharelu Kadha

जैसे मौसम बदलता है थोड़ी ठंड लग गई ठंड अंदर बैठ गई सर्दी जुकाम नजला हो गया व्यक्ति को यह चीज होना नॉर्मल बात है और यह घर-घर की कहानी है कभी भी हो सकता है आज आपको इसके लिए एक घरेलू नुस्खा देने जा रहा हूं आप इसको करोगे तो आप कहेंगे यह तो कमाल हो गया दो-तीन दिन में पूरी छाती क्लीन पवित्र होगी पूरा नाक का जुकाम निकल जाएगा

पूरा BODY में जो बाहरी फंदा जो थकावट थी वह ठंड अंदर बैठ रही थी वह ठंड निकल जाएगी

खांसी जुकाम की घरेलू उपाय का काड़ा recipe (Home remedy)

  • एक चम्मच जीरा ले
  • एक चम्मच अदरक इसको कद्दूकस करके (घिस)
  • एक चम्मच क्वांटिटी के बराबर जेल लेना है
  • 10 से 15 पत्ते तुलसी के ले ले दो गिलास पानी ले और उसमें डालकर उबाल ले
अच्छे से खिला (ubaal) लो जब दो गिलास पानी का एक गिलास पानी रह जाए तब यह जो काडा है

यह जो चाय बनी है इसको छान

लो और इसमें थोड़ा सा शहद मिल!कर इसको आराम आराम से घूंट भरकर पिए

इसे आप दिन में दो बार भी पी सकते हैं ज्यादा जुकाम सर्दी खांसी हो तो तीन बार भी पी सकते हैं

दो-तीन दिन तक पिए तो पूरी तरह से नजला खासी का जो अंदर बैठा हुआ है जो जुखाम अंदर जड़ों में पहुंच गया जो ठंड अंदर बड़ी है जो सिर भारी है जो थकावट हो रही है जो कमजोरी हो रही है सारी दूर रहेगी और आपका जो शरीर है अंदर से पूरी तरह से साफ हो जाएगा लंग पूरे क्लीन हो जाएंगे अंदर से कफ निकल जाएगा ब्रीडिंग बिल्कुल नॉर्मल हो जाएगी सर्दी जुकाम कब खांसी पूरी तरह से दूर हो जाएगी आप घर बैठे ही ठीक हो जाएंगे कोई दवाई भी उपयोग नहीं करनी पड़ेगी

कीर्ति मुख को कियों पूजा जाता हे भगवान से भी ज्यादा ?

कीर्ति मुख को कियों पूजा जाता हे भगवान से भी ज्यादा  !!!




आइये जानते हे विस्तार से 


एक राक्छस जिसका स्थान भगवानो से भी ऊँचा हे सच हे और ये राक्छस शिव जी का ही गण हे 

जिसका नाम हे कीर्ति मुख ! एक बार जब शिव जी अपने ध्यान में लीन थे तब राहु ने उनके सिर पर लगे चाँद को ग्रहण लगा दिया था 


  • जिसे देख शिव जी बहुत ज्यादा किरोधित हुए 
  • और उन्होंने अपनी तीसरी नेत्र से कीर्तिमुख की उत्पति करदी 
  • कीर्तिमुख राहु के पीछे उसे खाने के लिए दौड़ा 

राहु बहुत ज्यादा घबरा गया था और उसने तुरंत ही जाकर शिव जी से माफ़ी मांग ली शिव जी तो थे ही भोले भंडारी उन्होंने तुरंत ही राहु को माफ़ कर दिया 


कीर्ति मुख ने कहा की में तो बहुत भूंका हूँ अब में किस को खाऊ तब शिव जी ने कहा की तुम अपने आप को ही खा जाओ और कीर्तिमुख ने शिव के आदेश का पालन करते हुए अपने आप को ही पूरे तरीके से खा लिया 

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तब शिव जी ने कीर्तिमुख को वरदान देते हुए कहा की जिस भी दरवाजे पर तुम्हारा मुख लगाया जाता हे वंहा की नकारत्मकता ऊर्जा को कीर्तिमुख पूरी तरीके से खा लेता हे 






कुछ ख़ास बातें 


  1. कीर्ति मुख को ग्रीन मेंन का दूसरा रूप भी माना जाता हे 
  2. कीर्ति मुख का उद्यम kender स्कन्द पुराण और शिव पुराण की एक की वंदिती से हुआ हे 

  3. कीर्ति मुख का नाम संस्कृत के शब्द कीर्ति मुख से बना हे जिसका मतलब हे शानदार चेहरा। ... 

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